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रुद्राक्ष माला अनमोल स्वर्ण धातु मे पूवाई किए हुए मानसिक शांति का प्रतीक

रूद्राक्ष की माला सोने की टिकड़ी और तार मे पूवाई  एक प्रचलित पूजा प्रथा है, जो कि धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए की जाती है. रूद्राक्ष माला में रूद्राक्ष बीजों का उपयोग किया जाता है, जो कि ब्रह्मा विष्णु और महेश्वर की त्रिमूर्तियों को प्रतिष्ठित करते हैं। 

रूद्राक्ष एक प्राकृतिक धातु है जो रुद्राक्ष पेड़ के फलों से प्राप्त की जाती है। इसे सोने की पूवाई करने के लिए माला के बीजों को सोने की धातु से ढककर बनाया जाता है। सोने की पूवाई से माला की मान्यता और महत्व बढ़ जाता है और इसे आप धारण करने के दौरान आपको अधिक आध्यात्मिक और शुभ ऊर्जा का अनुभव होता है। 

इसके अलावा, सोने की पूवाई रूद्राक्ष माला को बनाने में उसकी दृढ़ता और सुरक्षा को भी बढ़ाती है। सोने की पूवाई के द्वारा रूद्राक्ष माला को और भी आकर्षक और आदर्श बनाया जाता है। यह विशेष रूप से पूजा, मेधावी और आध्यात्मिक अभ्यास में उपयोगी माना जाता है


रुद्राक्ष पहनने से आपको मिलेंगे ये अद्भुत फायदे 

आज हम आपको भगवान शिव के प्रिय रुद्राक्ष को पहनने के फायदों के बारे में विस्‍तार से जानकारी दे रहे हैं। 
प्राचीन काल से रुद्राक्ष को अपनी दिव्य चिकित्सा शक्तियों के कारण सबसे कीमती मोतियों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि जिन पर भगवान शिव की कृपा होती है उन्हें ही इसे धारण करने का अवसर प्राप्त होता है। 'रुद्राक्ष' शब्द का अर्थ रुद्र (शिव) की आंखें और उनके आंसू (अक्ष) हैं। इस आध्यात्मिक मोतियों की उत्पत्ति की कहानी बताती है कि क्यों इसे स्वयं शिव का आशीर्वाद माना जाता है। 

रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से एक सूखा नट है जो रुद्राक्ष के पेड़ पर उगता है। प्रार्थना और ध्यान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आध्यात्मिक रुद्र माला में आमतौर पर (108) मनके होते हैं। ये विभिन्न स्वरूपों में पाए जा सकते हैं, अर्थात् एक मुखी से लेकर( 27) मुखी तक। माना जाता है जो कोई भी इन मोतियों को पहनता है उसके पास तीनों दिव्य देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद होता है। 





• रुद्राक्ष शरीर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। 

• विशेष ऊर्जा का विकिरण करता है जिसका शरीर, मन और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 

• इसका उपचारात्मक प्रभाव होता है। 

• नकारात्मक एनर्जी को कम करता है। 

• एकाग्रता में सुधार करता है। 

• मानसिक और शारीरिक संतुलन प्रदान करता है। 

• आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है। 

• मन को शांत करने में मदद करता है। 

• चक्रों को संतुलित करता है और संभावित बीमारियों को दूर करता है। 

• ध्यान में सहायक होता है। 

• शांति और सदभाव लाता है। 

• हानिकारक ग्रहों के प्रभाव को दूर करता है। 

• तनाव और ब्‍लडप्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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