एतिहासिक without मीना मे चोकर हार बहुत ही सुंदर लटकन सुदा डिजाइन
सोने का हार एक गहना होता है जो सोने से बना होता है और आमतौर पर महिलाओं द्वारा पहना जाता है. सोने के हार में छोटे सोने की गोलीयाँ या छोटे सोने के आकार के टुकड़े हो सकते हैं, जिन्हें साथ में एक लंबी सोने की रस्सी या सोने की चेन से जोड़ा जाता है.
यह गहना विभिन्न समारोहों और पारंपरिक अवसरों पर पहना जाता है, जैसे कि शादी, सामान्य परिवारिक उत्सव, और धार्मिक आयोजन.
सोने के हार की प्राचीनता और महत्व कई संस्कृतियों में मौजूद है इसे आभूषण के रूप में महिलाएं पहनती हैं ताकि वह उनकी सुंदरता को और निखार सकें और इसे अपनी सामरिक स्थिति का प्रतीक भी माना जाता है.
आजकल सोने के हार कई प्रकार के डिजाइन और पैटर्न में उपलब्ध हैं और वे अनेक संबंधित आभूषणों के साथ मेल खाते हैं,
जैसे कि सोने की कंगन, चूड़ी, और कंठहार. सोने के हार आजकल बाजार में भी उपलब्ध होते हैं और वे आपकी प्राथमिकताओं, बजट, और पसंद के अनुसार बनाए हुए होते है
ये कुछ महत्वपूर्ण डिज़ाइन चोकर हार के है जो बगैर मिना मे तैयार किए गए है
इस तरह के एतिहासिक डिजाइन मे मन मानो ऐसे प्रफुल्लित होता है जैसे-
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
रात कली एक ख़ाब में आई
और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे
आँख उन्हीं से चार हुई
रात कली एक ख़ाब में आई
और गले का हार हुई
चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत
चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे मुझ को खबर नहीं
हो सके तुम्हीं बता दो
चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत
चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे मुझ को ख़बर नहीं
हो सके तुम्हीं बता दो
तुम ने क़दम तो रखा ज़मीं पर
सीने में क्यूँ झनकार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
आँखों में काजल और लटों में
काली घटा का बसेरा
साँवली सूरत मोहनी मूरत
सावन रुत का सवेरा
आँखों में काजल और लटों में
काली घटा का बसेरा
साँवली सूरत मोहनी मूरत
सावन रुत का सवेरा
जब से ये मुखड़ा दिल में खिला है
दुनिया मेरी गुलज़ार हुई
रात कली एक ख़ाब में आई
और गले का हार हुई
यूँ तो हसीनों के माहजबीनों के
होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के
देखा है जब तुम्हें
तुम लगे और भी प्यारे
यूँ तो हसीनों के माहजबीनों के
होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के
देखा है जब तुम्हें
तुम लगे और भी प्यारे
बाँहों में ले लूँ ऐसी तमन्ना
एक नहीं कई बार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे
आँख उन्हीं से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई!
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