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सेटिंग छिलाई और नगीने जड़ित मोर आकृति मे रवा से तैयार पूँची देखने मे कैसी लगती है ?

सेटिंग छिलाई और नगीने जड़ित मोर आकृति मे रवा से तैयार पूँची देखने मे कैसी लगती है ?


गोल - गोल (circle) बाॅल[गेंद]के समान जिस को रवा बोलते है रवा से तैयार किए गए इस आभूषण को पूँची बोलते है । इन रवा को बहुत ही कारीगरी से तैयार करना होता है रवा के दोनों छोर पर बारीक राई नुमा रवाल और बीच के हिस्से मे नाका लगाना होता है , बीचों-बीच नगीना जड़ित मोर, बतख,चिड़िया आकृति मे नगीना जड़ित पिस तैयार करना होता है जब सब कुछ महत्वपूर्ण आइटम तैयार कर लिए जाते है उस के बाद फिनिशिंग देकर पुवाई का कार्य किया जाता है।

और जब ये आभूषण पूर्ण रूप से तैयार कर लिया जाता है। तब ये आभूषण धारण करने के बाद हर एक महिला की फिलिंग ये ही कहती है -----




आज मैं i) ऊपर आसमाँ नीचे आज मैं आगे, ज़माना है पीछे  |Tell me | ओ ख़ुदा अब मैं क्या करूँ चलूँ सीधी कि उल्टी चलूँ-आज मैं ऊपर, आसमाँ नीचे ... यूँ ही बिन बात के, छलके जाये हँसी डोले जब हवा, लागे गुद्गुदी सम्भालो गिर पड़ूँ अरे अरे अरे अरे अरे तौबा क्या करूँ चलूँ सीधी की उल्टी चलूँ आज मैं ऊपर ...... आज मैं ऊपर, आसमाँ नीचे आज मैं आगे, ज़माना है पीछे  |Tell me|ओ ख़ुदा अब मैं क्या करूँ सर के बल या कदम से चलूँ आज मैं ऊपर ... झूमें जा मौज में रुकना न जान--ए--जाँ देखूँ ये तरंग रुकती है कहाँ मैं भी तेरे संग इन लहरों पे चलूँ सर के बल या कदम से चलूँ आज मैं ऊपर ____

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