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कास्टिंग डिज़ाइन में ज्वैलरी कैसे बनाई जाती है लेटेस्ट डिज़ाइन कलेक्शन

कास्टिंग ज्वेलरी एक प्रकार का ज्वेलरी निर्माण प्रक्रिया है जिसमें मोल्ड के माध्यम से प्लेटिनम या सोने-चांदी की सामग्री को पिघलाया जाता है और नगीना सहित इसे ज्वेलरी के रूप में तैयार किया जाता है। यह तकनीक प्राचीन काल से उपयोग में आ रही है और आज भी ज्वेलरी उद्योग में एक महत्वपूर्ण रोल निभाती है। 

यहां कास्टिंग ज्वेलरी की प्रक्रिया के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है:- 

1. पहले तो एक मास्टर पैटर्न तैयार किया जाता है जो ज्वेलरी के डिज़ाइन का आधार होता है। यह मास्टर पैटर्न धातु, संगमरमर, या अन्य सामग्री से बना हो सकता है। 

2. मास्टर पैटर्न को सिलिकॉन या अन्य मोल्ड मेट्रियल के माध्यम से एक माल प्रतिलिपि में स्थानांतरित किया जाता है। इसके बाद माल प्रतिलिपि को ठंडा करके सख्त बनाया जाता है। 

3. तैलीय पर्यावरण में, इस मोल्ड को पेस्टे या प्रचुर मात्रा में धातु (जैसे प्लेटिनम, सोना, चांदी आदि) से भरा जाता है और जब तरल पदार्थ आकर किए गए समचे में ठंडा होकर कठोर हो जाए तो इस के बाद इस की फिनिशिंग और पाॅलीश का काम पूरा किया जाता है । 





















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